तुम्हारे बारे में।🌻

तुम्हारा यूं अचानक मुझसे मिलने आ जाना ऐसा है जैसे अचानक पहाड़ों पे धूप खिल आती है और सब कुछ चमकदार हो जाता है जैसे जाड़े की ठिठुहरन में एक गर्माहट पूरे शरीर को मिलने लगती है। मैं हमेशा से चाहता हूँ कि मैं तुम्हारे बताए जगह पर पहले पहुँच जाऊं और तुम्हारा इंतज़ार करूँ मगर हर बार तुम ही मेरी राह तकते हुए पाई जाती हो। मैंने हमेशा दूसरों का इंतजार किया है परंतु तुम्हें देख कर लगता है कि कोई है जो मेरा इंतज़ार भी करता है। तुमसे मिलना मेरे लिए कठिन भी है और बेहद आसान भी, आसान इसलिए क्योंकि हमारे बीच सबकुछ एकदम सहज है, एक आपसी समन्वय है जिसमें कुछ भी आरोपित नहीं लगता और कठिन इसलिए कि जैसे ही मैं तुमसे मिलता हूँ या मिलने की बात करता हूँ मैं इमोशनल हो जाता हूँ तुमसे बाते करते हुए मेरा ह्रदय अचानक रुंध उठता है, साथ ही तुमसे शाम को अलग होने के ख़्याल से जूझना भी पड़ता है। तुम्हारा कैब में बैठकर मुझसे दूर जाना मुझे हमेशा खलता है फिर चाहे वो एयपोर्ट से तुम्हारा जाना हो या कल pacific mall से ऐसा प्रतीत होता है मानों तुम्हारा जाना बार बार रीप्ले हो रहा हो। मैं उस बच्ची को भी देख सकता हूँ जिसे आज तक वो प्रेम नहीं मिला, न ही वो प्रशंसा मिली जिसकी वो हक़दार है । जितने भी लोग आए तुम्हारे जीवन में ख़ासकर पुरुष उन सबने तुमपे अपना हक जमाने की कोशिश, तुम्हें किसी न किसी रूप में चोट पहुँचाया। मैं डरता हूँ कि कही उन पुरुषों में मैं अपना नाम न शामिल करा बैठूं। मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता यह बात न जाने मैंने तुमसे कितनी दफ़े कही और तुमने हमेशा मुझे यह आश्वासन दिया कि तुम कही नहीं जा रही हो और मुझे इस बात का अच्छे से ज्ञान है कि तुम सही और सहज रिश्तों में कितनी समर्पित और सच्ची रहती हो वो तुम्हें न खोने वाली बात को मैं तुम्हारे लिए नहीं अपने लिए कहता हूँ। मैं तुमसे ज्यादा बाते इसलिए नहीं कहता क्योंकि मुझे पता है कि मैं जो भी वाक्य बोलूं, जो भी वादा करूँ वो तुमसे पहले ही किये जा चुके हैं और अंत में सबने तुम्हें छोड़ा है। अब शायद तुम मेरे कहे उन बातों पर विश्वास भी न करो मैं इस बात को अच्छे से जानता हूँ और उस चीज़ को बदलने के लिए मैं ज्यादा कुछ न कर पाऊँ, इसलिए जब मैं तुम्हारे साथ होता हूँ तो खामोशी चुनता हूँ। शब्द एक समय के बाद बेशक बेमानी लगे परन्तु एक खामोशी कभी बेमानी नहीं होती, मैं जब तुम्हारे सामने होता हूँ तो खामोशी चुनता हूँ क्योंकि एक सहज खामोशी से तुम्हारा विश्वास नहीं उठा है, मैं खामोश रहकर अपनी आँखों को बोलने देता हूँ और कमाल की बात तो यह है कि उस खामोशी में उन आँखों की बातें तुम तक पहुँच भी जाती है, तुम उन्हें पढ़ लेती हो। तुम अपनी किताबों के साथ साथ मेरी आँखें पढ़ने की भी काबिलियत रखती हो। तुम्हरे साथ कल उस कैफ़े में बैठकर मैंने तुम्हें अपने डर बताये और तुमने पहले कैफ़े में और फिर रात में कॉल पे कितने अच्छे से मुझे यह आश्वासन दिया कि मुझे डरने की आवश्यकता नहीं है। यह आश्वासन मेरे लिए जरूरी हैं, मुझे अच्छा लगता है तुम्हारी तरफ से आता हुआ आश्वासन क्योंकि मैं सच में तुम्हें खोने और चोट पहुँचाने से बहुत डरता हूँ। इसलिए मैं जब भी तुम्हारे साथ होता तुम्हें एकटक देखता रहता हूँ मैं तुम्हारा चेहरा अपनी आँखों में बसा लेना चाहता हूँ और जब तुम चली जाती हो तो मैं आँखें बंद करके तुम्हें याद करता हूँ। मैं तुम्हें पूरी जिंदगी ऐसे देख सकता हूँ, तुम्हें सुन सकता हूँ परन्तु ठीक इस वक़्त इन लाइंस को लिखते ही मुझे एक घृणा हो जाती है न जाने कितनी बार तुमने यह लाइन्स सुनी होंगी कितनी छिछली है यह लाइन्स परंतु मैं तुम्हारे सामने अपने भाव को व्यक्त नहीं कर पाता सो ले देके मेरे पास यह शब्द ही बचते हैं, लेखक होने की अपनी कमियाँ व मजबूरी होती है वो कब लिख रहा है कब जी रहा है उसके बीच उसके लिए अंतर करना कठिन है जैसे ठीक इस वक़्त मैं तय नहीं कर पा रहा कि क्या जो पल मैं अभी लिख रहा हूँ जो कल मैंने तुम्हारे साथ बिताए वो सच में बिता था या उसे मैं लिख रहा था और अब लिखते हुए मैं उन्हें असल में जी रहा हूँ।

तुम एक स्वप्न की तरह ही हो मेरे लिए, मेरे लिए यह विश्वास करना मुश्किल है इसलिए मैं बार बार तुम्हारे हाथों को पकड़ना चाहता हूँ मैं यकीन करना चाहता हूँ कि तुम मेरे साथ ही हो, तुम्हारे हाथों के समीप होते ही मेरे हाथ अपने आप तुम्हारे हाथों की तरफ बढ़ने लगते हैं। कैब में और उस icecream वाली शॉप पर बैठते हुए कई बार मेरा मन हुआ कि तुम्हारा हाथ थाम लूँ, कैब में तुम्हारा हाथ पकड़ने की तीव्र इच्छा मेरे मन में उठ रही थी परंतु मैंने खुद को रोके रखा, तुम्हारे पास रहकर मुझे एक सुकून की अनुभूति होती है ऐसा मुझे तभी होता है जब मैं पहाड़ पर होता हूँ मुझे वहाँ होकर ऐसा लगता कि यहाँ मैं सुरक्षित हूँ यहाँ मुझे किसी भी प्रकार के आवरण की आवश्यकता नहीं है। तुम्हारे साथ भी मुझे ऐसा ही महसूस होता है इसलिए कभी तुम्हारे गले तो कभी तुम्हारे कांधे पर सिर टिकाए रहना मुझे सुखद लगता है। इसलिए कैब में तुम्हारे साथ बैठे हुए मैंने अपना सिर तुम्हारे कांधे पर टिका दिया था और तुम्हारे शरीर की गंध और तुम्हारे करीब होने का एहसास को मैं अपने भीतर सोखता रहा। तुम्हें पता है पहाड़ो की हवा में एक तरह की खुशबू होती है जो सब कुछ हल्का कर रही होती है तुम्हारे बदन की खुशबूभी मुझे उसी तरह का एहसास करवाती हैं। मेरे लिए विश्वास करना आसान नहीं होता कि तुम्हारे जैसी स्त्री जिसके जीवन में इतनी अहम चीज़े हैं , लोग है उनको छोड़कर तुम मुझे अपना पूरा समय देती हो और यह बात मेरे अंदर एक इतराने की हाव पैदा कर देता है, एक गर्व की भावना मेरे अंदर रहती है, मैं तुम्हें अपने साथ खड़ा देखकर फुले नहीं समाता हूँ मुझे लगता है मैं इस दुनिया में सबसे लकी इंसान हूँ। तुम भले ही न कहो मगर मैं जानता हूँ कि तुम मेरे लिए किस तरह की भावनाएं रखती हो और सच बताऊँ तो मुझे बेहद खुशी है इस बात की।

तुम्हाते साथ रहकर जो प्रेम मुझे मिलता है मैंने हमेशा से ऐसे ही किसी प्रेम की कल्पना की है। मैं चाहता हूँ तुम हमेशा मेरे साथ रहो तुम्हें जैसे भी रहना है। मैं तुम्हारे साथ बेनाम रिश्ते में रहने के लिए भी तैयार हूँ और तुम्हारे कल के कल कहने पर विवाह के लिए भी तैयार हूँ । मैं नहीं कहूँगा की तुम्हारे पूछने पर की तुममें यह कमी है और मैं तुम्हारे साथ विवाह तो नही किया जा सकता। मैं जवाब में हाँ ही कहूँगा। माना हमेशा साथ रहूँगा, खड़ा रहूँगा इन शब्दों ने आपको ठगा हो परंतु मैं जब यह शब्द कहता हूँ तो काफी सोच विचार के कहता हूँ। मुझे आपके साथ हर चीज़ कुबूल है फिर चाहे वह आपके साथ रहकर बिना किसी बंधन में बंधे उम्र भर ही क्यों न रहना हो। मैं जहाँ भी रहूँगा आपके लिए एक safe place बनाते रहूँगा और अब मैं समझ चुका हूँ आपको exactly क्या चाहिए और अब मैं उसपे कार्यरत हो चुका हूँ। शुक्रिया आपका मेरे लाइफ में रहने के लिए , मैं चाहूँगा हम इसी तरह बने रहें एक दूसरे के लिए।

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