पाया जाऊंगा।

जब तुम कल विदा हो जाओगी
तो मैं तुम्हारे साथ बिताए पलों को याद करके अकेले में मुस्कुराता हुआ पाया जाऊंगा।
मैं उन सारी जगहों पे हमारे बिताए पलों के बचे अवशेषों को इकठ्ठा करते पाया जाऊंगा जहाँ हमने साथ में उन्हें जिया था।

मैं उन सभी किताबों को पढूंगा जो कभी हमने साथ बैठकर पढ़े थे।
मैं उन सारी फ़िल्मों के गाने सुनूंगा जिसे तुम गुनगुनाया करती थी।

मैं कल से मेट्रो की नहीं, ऑटो की सवारी करूँगा
मैं अपने चेहरे पे शाम की उस ठंडी हवा को टकराने दूंगा जिसे तुम आँखे बंद करके ऐसे महसूस करती थी मानों जैसे वो तुम्हें कहानियां सुना रहीं हो।

मैं उन सारी बातों का रिकॉर्ड अपनी डायरी में दर्ज करूँगा जो तुमनें कही है।
मैं तुम्हारे द्वारा कहे गए शब्दों से कविताओं को जन्म दूंगा जिन्हें मैं तुम्हारी पसन्दीदा जगहों पर बैठकर पढ़ते हुए पाया जाऊंगा।

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