उम्मीद

उम्मीद का कोई ठिकाना नही होता। वह कहीं भी पनप सकता हैं, किसी के अंदर भी समाहित हो सकता है। किसी भी परिस्थिति में किसी को भी हिम्मत प्रदान कर सकता है।

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