आखिरी मुलाकात ( लघु कथा)
दोनों मजनू के टीला में स्थित nor yok cafe में बैठे थे।
उसकी कॉफी उसके पीने के इंतजार में ठंडी हो रही थी और वह अपनी डायरी में कुछ लिख रहा था।
"कम से कम अपनी कॉफ़ी तो खत्म कर लो, तुम हमारी हर मुलाक़ात को लिखते आये हो। यह आख़री मुलाक़ात लिखना जरूरी है क्या? क्या हम इसे सिर्फ इसी वक्त जी नही सकते। कुछ ही देर मैं मेरी फ्लाइट है और मैं तुमसे मिलने आई हूं ताकि हम इस आखरी वक़्त पे बात कर सके। तुम सुन रहे हो न।"
उसने पेन डायरी के अंदर रखकर उसे टेबल के एक कोने में रख दिया
"मुझे मालूम है कि यह हमारी आखिरी मुलाक़ात है, मुझे यह भी मालूम है कि मुझे लिखना छोड़कर इस लम्हें में होना चाहिए। मुझे मालूम है यह लम्हां दोबारा से कभी नही आने वाला है। मुझे यह भी मालूम है कि मैं इसे अपने लिखे से मेला कर रहा हूँ।" मगर.....
"मगर फिर भी तुम लिख रहे हो, क्या फ़ायदा अब यह सब लिखने का, हां बोलो। "
उसके आँखों में नमी थी वह किसी भी पल रोने वाली थी। वह उसके सामने हर अल्फ़ाज़ के बाद बिखर रही थी।
वह एकटक उसे देखता रहा उसके आंखों में एक आँसू का कतरा नहीं था वह चाहता था कि उसकी आँखें गीली हो और वह उसे देख सके मगर उसे आज तक कभी किसी चीज़ पे रोना नही आया था। मगर आज वो रोना चाहता था वह उसे दिखाना चाहता था कि उसे भी उसके दूर जाने का उतना ही गम था जितना उसे था।
उसने उसका हाथ थामा जो उसने काफी देर से टेबल पे रखा था ताकि वह उसे पकड़ सके। वह यूँही थोड़ी देर तक चुप्पी में बैठे रहे। अन्तः उसने खामोशी को तोड़ते हुए कहा।
"तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारी याद दिलाने के लिए मेरे आस पास बहुत सी चीज़े होंगी वो सभी चीज़े मुझे तुम्हारी याद दिलाएगी जो चीज़े हमने साथ मैं की है वो मुझे तुम्हारी याद दिलाएंगी, यह कैफ़े मुझे तुम्हारी याद दिलाएगी मगर तुम्हारे साथ बिताए यह जो लम्हें मैंने अपनी डायरी में दर्ज किये है यह मुझे हमेशा तुम्हारे मेरे क़रीब होने की एहसास देते रहंगे, तुम्हारे जाने के बाद यह मुझे ज़िंदा रखेंगे । क्योंकि मैंने सिर्फ बेजान शब्द नही लिखे, मैंने तुम्हें लिखा है।"
यह सुनकर वह अपने आँसू रोक नही पाई उसने अपना बैग उठाया और दरवाज़े से बाहर की और भाग गई उस दिन वह सिर्फ कैफ़े से नही बल्कि उसकी जिंदगी से भी हमेशा के लिए चली गयी थी।
वह उसे आख़री बार गले भी नही लगा पाया, उसके दरवाज़े के बाहर जाते ही, उसे लगा जैसे उसके भीतर कुछ टूट गया हो। एक पानी की बूंद उसके हाथों पर गिरी, उसने अपनी आंखों को छुआ तो वह गीली थी और वह पहली बार रो रहा था।
Great sir
ReplyDeleteThank you so such, it means a lot 🥰🌺🙏
Deleteबहुत प्यारा❤️
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत शुक्रिया।🌺🦋❤️
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